स्मोकिंग के बारे में क्या आपको वाक़ई सब पता है?
निकोटीन से भले ही कुछ पल के लिये आपको आराम मिलता है लेकिन वास्तव में यह आपके तनाव और घबराहट को बढ़ाता है। साथ ही तनाव के वक़्त सिगरेट पर निर्भर रहने की वजह से जब आप सिगरेट छोड़ना चाहें तो आपको विदड्रॉल सिंड्रोम के लक्षण आने लगते हैं। आपका स्ट्रेस कम करने के बजाय अब आपको अगली सिगरेट ना मिलने का स्ट्रेस होने लगता है।
डिप्रेशन से जूझ रहे वयस्क के सिगरेट से एडिक्टेड हो जाने की संभावना दो गुना होती है। मेंटल हेल्थ और स्मोकिंग के बीच का रिश्ता बड़ा कॉम्प्लेक्स है जहां आपका ख़राब मानसिक स्वास्थ्य आपको सिगरेट की लत की तरफ़ धकेल सकता है वहीं स्मोक करना आपके मानसिक स्वास्थ्य पड़ बुरा असर भी डालता है ।
कोआन एडवाइज़री ग्रुप और यूथ की आवाज़ द्वारा चलाए गये सर्वे में यह सामने आया कि इन चेतावनियों से लोग सिगरेट पीने या ना पीने को लेकर अप्रभावित रहते हैं।
हुक्का, वेप या इ सिगरेट को सिगरेट से कम हानिकारक मानना एक प्रचलित झूठ है। किसी भी तरह से तंबाकू कंज्यूम करना नुक़सानदेह है और यही नहीं, हुक्का और इ सिगरेट से ज़हरीला केमिकल निकलता है जो कि कैंसर की वजह बन सकता है।
सर्वे में हमने पाया कि परिवार के सदस्य या कलीग के सिगरेट पीने से आपके भी पीने की संभावना नहीं बढ़ जाती है। साथ ही स्क्रीन पर किसी को स्मोक करते देखने से भी अधिकतर लोग प्रभावित नहीं होते। वहीं तनाव होने से और किसी दोस्त के स्मोक करने से आप भी प्रेरित होते हैं।